क्या आप जानते हैं भूख दुनिया मै मौत का पहला कारन हैं । क्या आप जानते हैं उन मेसे १/३ लोग हमारे भारत मैं हैं ! क्या आप जानते हैं ५ भारतीय हर मिनट भूख से मरते हैं ! क्या आप जानते हैं २५ लाख लोग हर साल भारत मैं भूख से मर जाते हैं !.....
Do You know Hunger remains the No.1 cause of death in the world. Do you know 1/3rd of the world’s hungry live in India. Do you know 5 Indians die every minute from hunger. Do you know 25 lakh Indians die every year from hunger.
नमस्कार ये ब्लॉग न तो किसी N.G.O. का हैं न ही किसी संस्था का ये ब्लॉग बनाया हैं हम दो मित्रो ने और चाहते हैं की आप भी जुड़े उन लोगो से जिनके लिए दो वक्त की रोटी मिलना किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं, हम दो मित्र विजयांशु जी और विनोद स्वामी उन लोगो के लिए जैसे ही खली वक्त मिलाता हैं उन लोगो के लिए कुछ न कुछ करने की सोचते हैं, इसी के चलते हम लोग अपने सहकर्मियों से भी मदद लेते हैं और चाहते हैं की आप भी हमारी मदद करे उम्मीद करते हैं की आप भी हमारे साथ कंधे से कन्धा मिला कर खड़े होंगे उन लोगो के लिए!

जिन हाथो मैं गुडिया होनी चाहिए उन हाथो को ईंटे उठाते हूए देख कर कभी आप के मन मैं एसा ख्याल आया की आप उनके लिए कुछ कर सके, हम आप से चाहते हैं बस एक रोटी एक बच्चे के लिए ऐसे लोगो के लिए जिनके तन ढकने को कपड़ा नहीं हैं उनके लिए आप के पुराने कपडे और कुछ दवाइया जो आप ने बीमारी ठीक होने के बाद आप ने छोर दी थी और वो दवाइया आप के काम की नहीं हैं , वो पुराने कपडे और दवाइया आप हमें भेजे वो दिला देंगे किसी को तन ढकने के लिए कपड़ा और किसी को जीवन !

अगर आप हमें किसी गरीब की मदद के लिए जुकाम, बुखार दस्त, पैन किलर दवाइया जो आप ने ले के आराम आने पर छोड़ दी हैं और वो बची हूई हैं भेजना चाहते हैं ....

अगर पुराने कम्बल, कपडे जो आप के लिए फटे हूए हैं या पुराने हो चुके हैं और आप के लिए काम के नहीं हैं तो और वो किसी का तन ढकने के लिए भेजना चाहते हैं .........


हमारा पता हैं - : Bhukkhe Bachhe (Fight hunger) C/o विजय इंटर पराएजेज़
जस्सूसर गेट के अन्दर , बीकानेर 334004
राजस्थान , भारत
दूर भाष -: +91-9460494434

प्रिय
बंधू वर
हमारा यह कदम आगे नहीं बढ़ सकता जब तक की आप सभी का सहयोग और आशीर्वाद हमारे साथ ना हो , हमारी सोच हैं दिल से दिल मिलाने की ये भूख नहीं देखती की ये हिन्दू हैं मुसलमान हैं सिख हैं या ईसाई हैं , ये सभी सिर्फ और सिर्फ भूखे लोग हैं जिन्हें आप इन तस्वीरो मैं देख रहे हैं !
इन के पास भी एक दिल हैं पर शायद धड़कना भूल रहा हैं ये भी हमारी तरह इन्सान हैं जो शायद इंसानियत खो रहे हैं , दिल धड़कना इस लिए भूल रहा हैं क्योंकि ये भूख से बेहाल हैं आज खाना मिल गया तो पता नहीं कल मिलेगा या नहीं कुपोषण के शिकार क्या ये हमारे भविष्य हैं ?? इंसानियत खो रहे हैं क्योंकि जब खाने को नहीं मिलाता पेट भूखा होता हैं तो इन मेंसे कुछ का कदम अपराध की और बढ़ता हैं और क्या अपराधी हमारा भविष्य हैं ??
सरकार खाद अन्न का कानून बना रही हैं क्या वो सबको बचा सकेगी ? श्री राजीव घान्धी ने कहा था की केंद्र से रूपया निकालता हैं तो वो गरीब तक पहुंचते पहुंचते १५ पैसे हो जाता हैं ये है हमारी नोकरशाही ,
अब तो ये भी गारंटी नहीं हैं की १५ पैसे भी पहुँच पते हैं की नहीं क्योंकि भ्रष्ट और भ्रष्ट होते जा रहे हैं अफसरों के यंहा आय से अधिक धन बड़े गर्व से देखा जाता हैं तो क्या हम सरकार पर छोर कर बेठ जाये की हमने सरकार चुन ली अब सरकार जाने , यह ठीक हैं की हमारी आवश्यकताओ की पूर्ति हो रही हैं हम आराम से रह रहे हैं , हमारे पास सब सुख सुविधाओ के साधन हैं लेकिन इंसानियत के नाते ही सही कम से कम हम ये तो कर सकते हैं की कोई भूख से मरे , सामान्य आदमी आठ से दस दिन तक भूखा रह सकता हैं ,और बच्चे पांच से सात दिन तक उसके बाद जब तक वो पूरी तरह नहीं मरते उनकी रोज मोत होती हैं यानि वो रोजाना थोडा थोडा करके मर जाता हैं सोचिये कुत्ते की मौत का उदहारण इसके लिए काफी होगा ?
क्या उन बच्चो और कुत्तो मैं कोई फिर्क नहीं ?
हम सब को नहीं बचा सकते पर कुछ को बचाने का परयास तो कर सकते हैं , आप सभी लोगो से हमारा हाथ जोड़ कर निवेदन हैं की संकल्प करे की किसी एक को रोज सही - दिन मैं तो कम से कम एक भूखे को खाना देने का नियम बनाये ........

Thursday, June 17, 2010

एक घर के सामने सडक बन रही थी, (ek ghar ke saamne sadak ban rahi thi)
गरीब मजदूरिन वहाँ काम कर रही थी. (garib mazduran wahan kaam ker rahi thi)

मजदूरिन के घर का सारा बोझ उसी पर पडा था,(Mazduran ke ghar ka saara bojh usi per pada tha )
उसका नन्हा सा बच्चा साथ ही खडा था. (Uska nanha sa bachcha saath hi khada tha)

उसके घर के सारे बर्तन सूखे थे, (Uske ghar ke saare bartan sukhe the)
दो दिन से उसके बच्चे भूखे थे. (Do din se uske bachche bhukhe the)

बच्चे की निगाह सामने के बँगले पर पडी, (Bachche ki nigaah saamne ke bangle per Padi)
देखी, घर की मालकिन, हाथ मे रोटी लिये खडी. (Dekhi, ghar ki malkin, Haath mein roti liye khadi thi)

बच्चे ने कातर दृष्टि मालकिन की तरफ डाली, (Bachche ne kaatar drishti malkin ki taraf daali)
लेकिन मालकिन ने रोटी, पालतू कुत्ते की तरफ उछाली. (Lekin malkin ne roti, Paaltu kutte ki taraf uchaali)
कुत्ते ने सूँघकर रोटी वहीं छोड दी, (Kutte ne sunghker roti wahin chod di)
और अपनी गर्दन दूसरी तरफ मोड दी! (Aur apni gardan doosri taraf mod di!)
कुत्ते का ध्यान, नही रोटी की तरफ जरा था, (Kutte kaa dhyan, Nahin roti ki taraf zara tha)
शायद उसका पेट पूरा भरा था! (Shayad, Uska pet poora bhara tha)

ये देख कर बच्चा गया माँ के पास, (Ye dekh ker bachcha gaya maan ke paas,)
भूखे मन मे रोटी की लिये आस. (Bhukhe mann mein roti ki liye aas)

बोला- माँ! क्या रोटी मै उठा लूँ? (Bola-Maa! kya roti main utha loon)
तू जो कहे तो वो मै खा लूँ? (Tu jo kahe to wo main kha loon)

माँ ने पहले तो बच्चे को मना किया, (Maa ne pehle to bachche ko mana kiya)
बाद मे मन मे ये खयाल किया कि- (baad mein mann mein ye khayal kiya ki)

कुत्ता अगर भौंका तो मालिक उसे दूसरी रोटी दे देगा, (Kutta agar bhaunka to malik use doosri roti de dega)
मगर मेरा बच्चा रोया तो उसकी कौन सुनेगा? (Magar mera bachcha roya to uski kaun sunega?)

माँ के मन मे खूब हुई कशमकश, (maa ke mann mein khoob hui kashmakash, )
लेकिन बच्चे की भूख के आगे वो थी बेबस. (Lekin bachche ki bhookh ke aage wo thi bebas)

माँ ने जैसे ही हाँ मे सिर हिलाया, (Maa ne jaise hi haan mein sir hilaya,)
बच्चे ने दरवाजे की जाली मे हाथ घुसाया. (Bachche ne darwaaze ki jaali mein haath ghusaya)

बच्चे ने डर से अपनी आँखों को भींचा, (Bachche ne darr se apni aankhon ko bheencha)
और धीरे से रोटी को अपनी तरफ खींचा! (aur dheere se roti ko apni taraf kheencha )

कुत्ता ये देखकर बिल्कुल नही चौंका! (Kutta ye dekh ker bilkul nahin chaunka!)
चुपचाप देखता रहा! जरा भी नही भौंका!! (Chupchaap dekhata raha! Zara bhi nahin bhaunka!!)

कुछ मनुष्यों ने तो बेची सारी अपनी हया है, (Kuch manushyon ne to bechi saari apni haya hai,)
लेकिन कुत्ते के मन मे अब भी शेष दया है……. (Lekin kutton ke man mein mein ab bhi shesh daya ha